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TCBT Jaivik Kishan

TCBT पंचमहाभूत कृषि

मूल प्राकृतिक खेती वृक्षायुर्वेद आधारित कृषि विज्ञान

200000+
Farmers Trained
35++
Crops Production
20+
Years Experience
50++
Product Running Successfully

भारतीय परंपरा और आधुनिक विज्ञान का संगम —
TCBT खेती तकनीक

"प्रकृति पंच भूतानि" — प्रकृति 5 महाभूतों (महाजीवों) से बनी है। इन पंच महाभूतों को खेती की मिट्टी बीज पानी में पूर्ण और संतुलित कर दिया जाए तो अपने आप होने लगेगी,किसान को केवल निश्चित नक्षत्र में बीज बोना है और सिंचाई व सुरक्षा का प्रबंध करना है। बीज को उगाने,बढ़ाने,फुलाने फलाने का काम पंच महाभूत स्वयं करते है। यह प्रकृति की स्वयंपोषी, स्वयंविकासी और स्वयंपूर्ण व्यवस्था है

पंचमहाभूत अर्थात पांच महाजीव (भूमि गगन वायु अग्नि नीर) जिन्होंने इस धरती में जीवन की विशाल रचना खड़ी की जिसे हम आज प्रकृति कहते हैं। प्रकृति निर्माण की रचना में -

🌍 भूमि – माता

बीज को उगाती है, पोषण देती है

🌌 गगन – पिता

फूल खिलाता है, बीज निर्माण करता है

🌬️ वायु – प्राण

प्रत्येक कोशिका को जीवन देता है

🔥 अग्नि – स्फूर्ति

कोशिकाओं को ऊर्जा और उष्मा देती है

💦 नीर – जीवन

हर कोशिका का जीवन पूर्ण करता है।

Natural Farming

TCBT आधारित प्राकृतिक कृषि विज्ञान

सूक्ष्म ऊर्जा, पंचमहाभूत और रसायन-मुक्त प्रक्रियाओं से उपज, स्वास्थ्य और स्थिरता

ऊर्जा विज्ञान

यही सूक्ष्म ऊर्जा खेती की शक्ति और उत्पादन को निर्धारित करती है।

TCBT तकनीक इस ऊर्जा स्तर को बढ़ाकर फसल को अधिक सक्षम बनाती है।

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🔥

अग्निहोत्र

प्रकृति की 96% सूक्ष्म ऊर्जा खेती को प्रभावित करती है।

TCBT ने 15 साल के शोध से रसायन-मुक्त खेती में अधिक उत्पादन पाया।

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🌿

वृक्षायुर्वेद कृषि

तत्वों को शुद्ध व सजीव करके खेती अत्यंत उपजाऊ और स्वस्थ बनती है।

रासायनिक खेती तत्वों को दूषित करती है, जबकि पंचमहाभूत खेती मिट्टी और फसल को श्रेष्ठ बनाती है।

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🩺

कृषि रोग उपचार

रसायन-मुक्त प्रक्रियाएँ मिट्टी, पौधे और पर्यावरण को फिर से स्वस्थ बनाती हैं।

इससे फसल जल्दी ठीक होती है और उत्पादन भी स्थिर रहता है।

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🪜

चरणबद्ध प्रक्रिया

यही सूक्ष्म ऊर्जा खेती की शक्ति और उत्पादन को निर्धारित करती है।

TCBT तकनीक इस ऊर्जा स्तर को बढ़ाकर फसल को अधिक सक्षम बनाती है।

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जैविक खेती का प्रभाव और सफलता

इस खेती से प्राप्त खाद्यान्न खाकर किसान परिवार सहित इस खाद्यान्न को खाने वाले मानव, गाय, पशु-पक्षी सब स्वस्थ होने लगे हैं।

ताराचंद बेलजी ने 2009 में प्राकृतिक खेती शोध संस्था बालाघाट की स्थापना की और किसानों के साथ मिलकर जैविक/प्राकृतिक खेती के मूलभूत सिद्धांतों को खोज निकाला तथा वृक्षायुर्वेद के 150 सूक्तों (फार्मूलो) को सिद्ध किए।

150+

सूक्त/फार्मूला

वृक्षायुर्वेद आधारित

2009

स्थापना वर्ष

शोध संस्था

Organic Farming Impact
🌾

लाखों

लाभान्वित किसान

और जानें

HOW IT WORKS

TCBT प्राकृतिक खेती – 4 चरणों में

खेत की वर्तमान स्थिति से शुरू करते हुए, चरणबद्ध तरीके से TCBT तकनीक अपनाई जाती है ताकि किसान को हर कदम पर स्पष्ट मार्गदर्शन मिले।

चरण 1

मिट्टी और फसल का आकलन

खेत की मिट्टी, फसल, जल उपलब्धता और पिछले रसायन उपयोग का संक्षिप्त विश्लेषण किया जाता है। इसी आधार पर TCBT पैकेज चुना जाता है।

चरण 2

मिट्टी और बीज का उपचार

पंचमहाभूत सिद्धांत के अनुसार मिट्टी, बीज और जल का जैविक उपचार किया जाता है ताकि फसल की शुरुआत से ही मजबूत आधार बने।

चरण 3

फसल वृद्धि और रोग प्रबंधन

फसल के विकास चरण के अनुसार TCBT घोल, पर्णीय स्प्रे और जीवामृत जैसी विधियाँ अपनाई जाती हैं, जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

चरण 4

कटाई, विश्लेषण और अगला सीजन

फसल कटाई के बाद उत्पादन, गुणवत्ता और लागत का आकलन किया जाता है। इसके आधार पर अगले सीजन के लिए और भी बेहतर योजना बनाई जाती है।

🗣️ हमारे किसान क्या कहते हैं

सफल किसानों की सच्ची कहानियां

Farmer 1

💰 8 माह की अवधि में प्रति एकड़ 23 टन अदरक का उत्पादन

"TCBT की जैविक तकनीक से मेरी अदरक की फसल में अद्भुत वृद्धि हुई। रासायनिक खाद के बिना भी उत्पादन दोगुना हो गया!"

– श्री बाला साहेब माने, कृष्णगाँव, तह. गोरेगांव जिला सतारा, महाराष्ट्र