भूमि तत्व
भूमि तत्व प्रकृति का आधार तत्व है माता तत्व है, यही तत्व से शेष 4 महाभूत का आंकलन किया जा सकता है, इसकी तृण मात्रा (सूक्ष्म उर्जा इकाई) को रुप कहा गया है। भूमि से निकालने पर इसका स्वरूप ठोस मिलता है, गगन में इसका स्वरुप रंग कहलाता है, वायु में इसका स्वरुप गंध कहलाता है, अग्नि में इसका स्वरूप "स्वर" कहलाता है और नीर में इसका स्वरुप "स्पर्श" कहलाता है।
कमी के लक्षण
फसल में भूमि तत्व की कमी
- पत्तियों का टेड़ा मेंड़ा बनना
- पत्तियों का आधा भाग सुखना
- तने की गठाने पास पास होना
- फलों का आधा गलना
- फलों तनों के अंदर इल्लियों का आना
- पत्तों फूलों में रस चूसक कीटो का ज्यादा आना
समाधान
स्थाई + तत्कालिक उपाय
स्थाई उपाय
- लाल-पीली- सफेद मिट्टी और गोवर्धन खाद डालें।
- TCBT भस्म रसायन बनाकर जमीन में डालें।
- अणु जल और फसल घुट्टी बनाकर सिंचाई के पानी में मिलाकर भूमि में चलाएं।
- जीवाणु जल / सजीव जल/पंचगव्य घोल सिंचाई के जल में मिलाकर चलाएं
तत्कालिक उपाय
- फसल की शुरूआती अवस्था में फसल में 20% ऊर्जा जल और 20% अणु जल मिलाकर स्प्रे करें।
- TCBT के नत्रधन और फास्फो पोटाश तरल का स्प्रे करें। फल बनने की अवस्था में पोटाश और खनिज भस्म का स्प्रे करें।
- सुबह शाम गंध चिकित्सा करके फसल को भूमि तत्व दे सकते हैं।
- नीले-पीले-हरे काँच के बॉटल में गौमूत्र भस्कर हप्ता-15- महिना भर सूर्य प्रकाश दिखाकर 10 से 15 mi प्रति पानी में मिलाकर फसलों पर स्प्रे करें।

